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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥

सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं

॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥

अष्टमूर्तिमयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥८॥

देवीं मन्त्रमयीं नौमि मातृकापीठरूपिणीम् ॥१॥

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

हस्ताग्रैः शङ्खचक्राद्यखिलजनपरित्राणदक्षायुधानां

यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।

कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।

नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः

Goddess also has the title of Adi Mahavidya, which means the whole version of reality. In Vedic mantras, she is described as the Goddess who sparkles with The attractive and pure rays with the Sunlight.

कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् more info ॥२॥

The Sadhana of Tripura Sundari is often a harmonious mixture of in search of satisfaction and striving for liberation, reflecting the dual elements of her divine mother nature.

The Mahavidyas, a group of 10 wisdom goddesses, showcase the multifaceted character of your divine feminine. Tripura Sundari is one of the 10 Mahavidyas and is assessed inside the delicate natured goddesses, together with Bhuvaneshwari, Matangi, and Kamala.

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